*धरती पर सब हों सुखी, सारे जन धनवान (कुंडलिया)*
धरती पर सब हों सुखी, सारे जन धनवान (कुंडलिया)
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धरती पर सब हों सुखी, सारे जन धनवान
सब पर भोजन-वस्त्र हों, सबके पास मकान
सबके पास मकान, सभी जन खूब कमाऍं
सब हों मन से तृप्त, पूर्ण सब की इच्छाऍं
कहते रवि कविराय, गंध शुभ रहे बिखरती
ऋतुऍं हों अनुकूल, स्वास्थ्य दे सबको धरती
रचयिता: रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 9997615451