Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
9 May 2024 · 1 min read

*धरती का वरदान*

जीवन में सभी उमंग,
फिर से छाने लगी,
आम के पेड़ों में
फिर से बौर आने लगी
याद आता है वो कल
जब लाया था एक बीज
प्रेम प्राण से मैंने उसको
दिया था जल से सींच
उस बीज में एक बार
अंकुरता छाने लगी
आम के पेड़ों में
फिर से बौर आने लगी
वर्षों के अथक प्रयास से
इस वसुधा के प्रभाव से मेहनत रंग लाने लगी
आम के पेड़ों में
फिर से बौर आने लगी
सभी पथिक, पशु और खग लेते हैं इसकी छाया
देख आम को पेड़ों पर
बच्चों का मन है ललचाया
इस सुखद जीवन को देख मन हर्षोने लगी
आम के पेड़ों में
फिर से बौर आने लगी
आम के पेड़ों में
फिर से बौर आने लगी

शशांक मिश्रा

35 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
वो सब खुश नसीब है
वो सब खुश नसीब है
शिव प्रताप लोधी
हे मां शारदे ज्ञान दे
हे मां शारदे ज्ञान दे
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
"खुश रहिए"
Dr. Kishan tandon kranti
🥀 *अज्ञानी की कलम*🥀
🥀 *अज्ञानी की कलम*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
मैं पागल नहीं कि
मैं पागल नहीं कि
gurudeenverma198
इतना बेबस हो गया हूं मैं ......
इतना बेबस हो गया हूं मैं ......
Keshav kishor Kumar
बरसात के दिन
बरसात के दिन
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
सत्ता
सत्ता
DrLakshman Jha Parimal
ये जीवन जीने का मूल मंत्र कभी जोड़ना कभी घटाना ,कभी गुणा भाग
ये जीवन जीने का मूल मंत्र कभी जोड़ना कभी घटाना ,कभी गुणा भाग
Shashi kala vyas
"मुशाफिर हूं "
Pushpraj Anant
दुख मिल गया तो खुश हूँ मैं..
दुख मिल गया तो खुश हूँ मैं..
shabina. Naaz
हां राम, समर शेष है
हां राम, समर शेष है
Suryakant Dwivedi
* मुस्कुराते हुए *
* मुस्कुराते हुए *
surenderpal vaidya
■ एक ही उपाय ..
■ एक ही उपाय ..
*प्रणय प्रभात*
चाय और सिगरेट
चाय और सिगरेट
आकाश महेशपुरी
बेशक मैं उसका और मेरा वो कर्जदार था
बेशक मैं उसका और मेरा वो कर्जदार था
हरवंश हृदय
सत्य की खोज अधूरी है
सत्य की खोज अधूरी है
VINOD CHAUHAN
*जिनके मन में माँ बसी , उनमें बसते राम (कुंडलिया)*
*जिनके मन में माँ बसी , उनमें बसते राम (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
शहर की गर्मी में वो छांव याद आता है, मस्ती में बीता जहाँ बचप
शहर की गर्मी में वो छांव याद आता है, मस्ती में बीता जहाँ बचप
Shubham Pandey (S P)
मुरली कि धुन,
मुरली कि धुन,
Anil chobisa
दूर हो गया था मैं मतलब की हर एक सै से
दूर हो गया था मैं मतलब की हर एक सै से
कवि दीपक बवेजा
एक शे'र
एक शे'र
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
कहते हैं तुम्हें ही जीने का सलीका नहीं है,
कहते हैं तुम्हें ही जीने का सलीका नहीं है,
manjula chauhan
हद
हद
Ajay Mishra
बेटी हूँ माँ तेरी
बेटी हूँ माँ तेरी
Deepesh purohit
।। गिरकर उठे ।।
।। गिरकर उठे ।।
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
दो धारी तलवार
दो धारी तलवार
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
अस्तित्व पर अपने अधिकार
अस्तित्व पर अपने अधिकार
Dr fauzia Naseem shad
जगे युवा-उर तब ही बदले दुश्चिंतनमयरूप ह्रास का
जगे युवा-उर तब ही बदले दुश्चिंतनमयरूप ह्रास का
Pt. Brajesh Kumar Nayak
देखिए आईपीएल एक वह बिजनेस है
देखिए आईपीएल एक वह बिजनेस है
शेखर सिंह
Loading...