Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
26 May 2021 · 1 min read

धरती कहे पुकार के .

धरती कहे पुकार के ,
आसमां की ओर निहार के ।

वो जो है सखी अपनी ,
कब आयेगी बरखा रानी ।

तेरे बिन सुना आंगन मेरा ,
और बेरंग सा है आंचल मेरा ।

मेरे निर्जीव से तन मन में ,
प्राण फूंक दे सकल जीवन में ।

तेरी शीतल फुहार हे सखि !
खिलादे पादप,वृक्ष की हर पाखी ।

तेरीअभिलाषी मेरी प्रत्येक संतान ,
पशु-पक्षी,सरीसृप,समस्त जड़ चेतन ।

उमड़ – घुमड़ कर जब मेघा गरजे ,
चमक चमक के दामिनी भी गरजे ।

मस्त पवन फिर लहराने लगे ,
तुझसे मिलन की आस जगने लगे ।

मगर जब कभी तू फिर भी न बरसे ,
हाय ! जिया हमारा कितना तरसे ।

मेरी संतानों के नयनों से दिन रात ,
अश्रुयों की बूंदों से भीगे रहे गात ।

मुझसे उनका दुख देखा नहीं जाता,
और ये वियोग भी सहा नहीं जाता।

अब बरस भी जा और प्रतीक्षा मत करवा,
ओ मेरी हमजोली, मेरी जान ,मेरी मितवा ।

8 Likes · 18 Comments · 713 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from ओनिका सेतिया 'अनु '
View all
You may also like:
"मनुज बलि नहीं होत है - होत समय बलवान ! भिल्लन लूटी गोपिका - वही अर्जुन वही बाण ! "
Atul "Krishn"
मुट्ठी भर रेत है जिंदगी
मुट्ठी भर रेत है जिंदगी
Suryakant Dwivedi
नारी हो कमज़ोर नहीं
नारी हो कमज़ोर नहीं
Sonam Puneet Dubey
बकरा नदी अररिया में
बकरा नदी अररिया में
Dhirendra Singh
* ऋतुराज *
* ऋतुराज *
surenderpal vaidya
जग में वो ही सच में, सच्चा गुरु कहलाता है
जग में वो ही सच में, सच्चा गुरु कहलाता है
gurudeenverma198
ब्राह्मण
ब्राह्मण
Sanjay ' शून्य'
जीत कर तुमसे
जीत कर तुमसे
Dr fauzia Naseem shad
🥀 *गुरु चरणों की धूल*🥀
🥀 *गुरु चरणों की धूल*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
4454.*पूर्णिका*
4454.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
बुंदेली दोहा प्रतियोगिता -171
बुंदेली दोहा प्रतियोगिता -171
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
संघर्ष हमारा जीतेगा,
संघर्ष हमारा जीतेगा,
Shweta Soni
दर परत दर रिश्तों में घुलती कड़वाहट
दर परत दर रिश्तों में घुलती कड़वाहट
Mamta Rani
दस्तक देते हैं तेरे चेहरे पर रंग कई,
दस्तक देते हैं तेरे चेहरे पर रंग कई,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
వచ్చింది వచ్చింది దసరా పండుగ వచ్చింది..
వచ్చింది వచ్చింది దసరా పండుగ వచ్చింది..
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
संसार का स्वरूप
संसार का स्वरूप
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी "
"You will have days where you feel better, and you will have
पूर्वार्थ
चलेंगे साथ जब मिलके, नयी दुनियाँ बसा लेंगे !
चलेंगे साथ जब मिलके, नयी दुनियाँ बसा लेंगे !
DrLakshman Jha Parimal
..
..
*प्रणय*
अन्ना जी के प्रोडक्ट्स की चर्चा,अब हो रही है गली-गली
अन्ना जी के प्रोडक्ट्स की चर्चा,अब हो रही है गली-गली
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
ଜାମ୍ୱାଇ
ଜାମ୍ୱାଇ
Otteri Selvakumar
"कृतज्ञता"
Dr. Kishan tandon kranti
अहंकार और संस्कार के बीच महज एक छोटा सा अंतर होता है अहंकार
अहंकार और संस्कार के बीच महज एक छोटा सा अंतर होता है अहंकार
Rj Anand Prajapati
अयोध्या
अयोध्या
सत्यम प्रकाश 'ऋतुपर्ण'
गंगा- सेवा के दस दिन (तीसरा दिन)- मंगलवार 18जून2024
गंगा- सेवा के दस दिन (तीसरा दिन)- मंगलवार 18जून2024
Kaushal Kishor Bhatt
बड़े मासूम सवाल होते हैं तेरे
बड़े मासूम सवाल होते हैं तेरे
©️ दामिनी नारायण सिंह
*सेवा-व्रतधारी सदा राष्ट्र, सेवा में ही रत रहते थे (राधेश्या
*सेवा-व्रतधारी सदा राष्ट्र, सेवा में ही रत रहते थे (राधेश्या
Ravi Prakash
*ਮਾੜੀ ਹੁੰਦੀ ਨੀ ਸ਼ਰਾਬ*
*ਮਾੜੀ ਹੁੰਦੀ ਨੀ ਸ਼ਰਾਬ*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
क्या हुआ जो मेरे दोस्त अब थकने लगे है
क्या हुआ जो मेरे दोस्त अब थकने लगे है
Sandeep Pande
लाख बुरा सही मगर कुछ तो अच्छा हैं ।
लाख बुरा सही मगर कुछ तो अच्छा हैं ।
Ashwini sharma
Loading...