धनवंतरी वंदना
चौपाई छंद
नमन वंदना करूँ तुम्हारी ।
धनवंतरी विष्णु अवतारी।।
अमृत कलश लेकर जग आये।
आयुर्वेद के जनक कहाये।।
औषधियों के आदि प्रवर्तक ।
निरोग जीवन के तुम रक्षक।।
समुद्र मंथन से अवतारा।
चतुर्भुजी है रूप तुम्हारा ।।
शंख चक्र अरु अमृत कलशा।
पदम हाथ देखत जन हरषा।।
जरा रोग से सबे बचाते ।
अकाल मौतहि दूर भगाते।।
जन्म दिवस कार्तिक की तेरस।
कृष्ण पक्ष पूजित धनतेरस ।।
स्वास्थ्य प्रदायक तुम भगवाना।
शरण तुम्हारी जग कल्याना।।
राजेश कुमार कौरव सुमित्र