दो शे’र
ज़मीं पर रहकर भी हवाओं से रिश्ता है मेरा ।
इश्क़ की दुनिया में दिलचस्प किस्सा है मेरा ।।
जो धड़क रहा था तेरे सीने में जाने कब से ।
खोये हुए दिल का….. वो तो हिस्सा है मेरा ।।
©डॉक्टर वासिफ़ काज़ी ,इंदौर
©काज़ीकीक़लम
ज़मीं पर रहकर भी हवाओं से रिश्ता है मेरा ।
इश्क़ की दुनिया में दिलचस्प किस्सा है मेरा ।।
जो धड़क रहा था तेरे सीने में जाने कब से ।
खोये हुए दिल का….. वो तो हिस्सा है मेरा ।।
©डॉक्टर वासिफ़ काज़ी ,इंदौर
©काज़ीकीक़लम