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19 Feb 2022 · 1 min read

दोहा

समता रख पीड़ा सहें, जैसे मुख मुस्कान ।
रोके मनुज न रुक सके ,आंधी और तूफान।।
✍©
अरुणा डोगरा शर्मा

Language: Hindi
274 Views
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