दोस्त बन के
दोस्त बनके दगा करता है कोई
बेवफा से वफा कर ता है कोई
किसलिए जाये कोई उस के घर
किसलिए उस से मिला करता है कोई
उस को क्या फायदा शिकायत से
उस से क्या गिला करता है कोई
उस ने बदनाम किया और भी वो मशहूर हुआ
क्या खूब दोस्ती का हक़ अदा करता है कोई
उस की महफिल में सब जहर पिए बैठे थे
उस को क्या परवाह क्या… क्या किया करता है कोई
उस का दिल अच्छा है वो खुद भी अच्छा है
जलने वाला जला करता है कोई……..shabinaZ