दोस्ती क्या है
दोस्ती क्या है
क्या तुम जानते हो
कहते हो तुम
दोस्त हूँ मैं तुम्हारा
तुम्हारे लिए जान दे दूँ अपनी
क्या जान देने को कहते है दोस्ती
मैं पूछता हूँ
क्यों करते हैं वायदे
कभी ना बिछुड़ने की
खाते हैं कसमें
दिन-रात ख्वाबों में रहते हैं खोए
क्या दिल लगाने को कहते हैं दोस्ती
किसको खबर
किसकी मंजिल कहाँ है
मिलेगा किसे क्या
मुकद्दर में क्या है
मिलके बिछुड़ना
बिछुड़कर के मिलना
क्या ये सब भूलाने को कहते हैं दोस्ती
मैं जानता हूँ
सुख के होते हैं साथी
वक्त बदलते ही
छोड़ जाते हैं तन्हां
खुशी बाँटते हैं
‘V9द’ गम कौन बाँटे
क्या रस्ता बदलने को कहते हैं दोस्ती
स्वरचित
V9द चौहान