“बेटी और बेटा”
बेटी मेरी दौलत हैं, बेटा मेरा सोहरत है।
बेटी मेरी मान है, बेटा मेरा सम्मान है।
बेटी मेरी पूजा है ,बेटा मेरा आस्था है।
बेटी मेरी फल है, बेटा मेरा कर्म है।
बेटी मेरी संस्कार है, बेटा मेरा अधिकार है।
बेटी मेरी इज्जत है,बेटा मेरा मर्यादा है।
बेटी मेरी जान है, बेटा मेरा जहान है।
बेटी मेरी फूल है बेटा मेरा बगिया हैं।
बेटी मेरी पेटी है, बेटा मेरा धन हैं।
बेटी मेरी आंगन है ,बेटा मेरा मकान हैं।
बेटी मेरी लाज है, बेटा मेरा साज है।
बेटी मेरी वृद्धि है, बेटा मेरा समृद्दि है।
बेटी मेरी अंश है, बेटा मेरा वंश है।
बेटी मेरी आकार है, बेटा मेरा प्रकार है।
बेटी मेरी आस है, बेटा मेरा सांस है।
बेटी मेरी चाहत है,बेटा मेरा आहट है।
बेटी मेरी ज्योति है, बेटा मेरा प्रकाश है।
बेटी मेरी चांद है, बेटा मेरा सूरज है।
बेटी मेरी नाज है, बेटा मेरा ताज है।
बेटी मेरी विश्वास है, बेटा मेरा प्रयास है।
बेटी मेरी धरती है ,बेटा मेरा आकाश है।
बेटी मेरी वैभव है, बेटा मेरा ऐश्वर्य है।
बेटी मेरी आभास है, बेटा मेरा एहसास है।
बेटी मेरी अर्पण है, बेटा मेरा दर्पण है।
बेटी मेरी संस्कार है, बेटा मेरा विचार है।
बेटी मेरी अनुभूति है, बेटा मेरा सहानभूति है।
बेटी मेरी रूप है, बेटा मेरा प्रारूप है।
बेटी मेरी मोल है ,बेटा मेरा अनमोल है।
बेटी मेरी आदि है, बेटा मेरा अनन्त है।
बेटी मेरी कहानी है, बेटा मेरा जुबानी है।
बेटी मेरी चहक है, बेटा मेरा महक है।
बेटी मेरी देहली है,बेटा मेरा द्वार है।
बेटी मेरी पूर्ण है, बेटा मेरा सम्पूर्ण है।
बेटी मेरी देवी है, बेटा मेरा देव हैं।।
लेखिका:- एकता श्रीवास्तव।
प्रयागराज✍️