दे ऐसी स्वर हमें मैया
दे ऐसी स्वर हमें मैया, करू तेरी वंदना हरपल।
दे ऐसी सुर हमें मैया, करू तेरी वंदना हरपल।।
माँ सज्ञान तू, मैं अज्ञान हूं
आज तेरी शरण, आके विनती करू
ज्ञान देना मुझे, जिंदगी में कभी
एकपल तेरी सेवा माँ मैं भी करू
दे विद्या धन हमें मैया, करू आराधना हरपल।
करू तेरी वंदना हरपल।।
हंसवाहिनी माँ, विनाधारिणी माँ
स्वेत आसन कमल, वरदायिनी माँ
वीणा पुस्तक, हमेशा ही हाथों में हो
वो अनुपम श्रृंगार रूप, धारिणी माँ
दे ऐसी गुण हमें मैया, करू तेरी साधना हरपल।
करू तेरी वंदना हरपल।।
✍️ बसंत भगवान राय
(धुन: बहारों फुल बरसाओ)