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17 May 2023 · 1 min read

देश है सदन ।

तेरा घर हो या मेरा घर,
अपने देश में, रहते हम सब
वही हमारा सच्चा सदन,
करते वंदन शत् – शत् नमन।

जननी है वह, वन्देमातरम् ,
जन्म-मरण ,जीवन पोषक,
हिंद सागर, हिंदी है शब्द,
करते वंदन शत् – शत् नमन।

झुकता शीश, माँ भारतीय के समक्ष,
पूजते उसको, देता है जो अन्न,
भिन्न-भिन्न नहीं, एक है सब,
करते वंदन शत् – शत् नमन।

तिरंगे की ,शान है अलग,
न्यौछावर है ,प्राण इस पर,
भारत माँ के, वीर सपूत,
करते वंदन शत् – शत् नमन।

जय हिंद है, जय-जय भारत,
भाग्यवान है, जन्म जो पावत् ,
महान देश है, एक ही भारत,
करते वंदन शत् – शत् नमन।

रचनाकार-
बुद्ध प्रकाश,
मौदहा हमीरपुर (उoप्रo) ।

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