Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
13 Dec 2022 · 1 min read

-:|| देश की माटी ||:-

हम वीरों की संतान उनके चिंतन के अनुयायी हैं |
ऋषि-मुनियों के वंशज उनकी परंपरा के अनुयायी हैं ||

अब संस्कृति का रक्षक ही अपना झंडा फहरायेगा |
अनीति का दाग न माता पर लगने पायेगा ||

प्राणों की बलि देकर भारत माता की संस्कृति बचाया जायेगा |
फिर शिवा राणा झांसीरानी का इतिहास दोहराया जायेगा ||

हिमालय की शिखरों पर मेरे देश का झंडा फहराएगी |
भुखे रहकर भी इस देश का मान बचाया जायेगा ||

राष्ट्रभक्त में राष्ट्रद्रोह का छेद कभी न होने पायेगा |
तेरे पुत्र सजग हैं तेरा सम्मान न जाने पायेगा ||

1 Like · 142 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
अदाकारियां
अदाकारियां
Surinder blackpen
8) दिया दर्द वो
8) दिया दर्द वो
पूनम झा 'प्रथमा'
बाल कविता: नानी की बिल्ली
बाल कविता: नानी की बिल्ली
Rajesh Kumar Arjun
मैं तो महज बुनियाद हूँ
मैं तो महज बुनियाद हूँ
VINOD CHAUHAN
उच्च पदों पर आसीन
उच्च पदों पर आसीन
Dr.Rashmi Mishra
गीत - मेरी सांसों में समा जा मेरे सपनों की ताबीर बनकर
गीत - मेरी सांसों में समा जा मेरे सपनों की ताबीर बनकर
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
एक गिलहरी
एक गिलहरी
अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि
कौर दो कौर की भूख थी
कौर दो कौर की भूख थी
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
मेरा तितलियों से डरना
मेरा तितलियों से डरना
ruby kumari
सब कुछ पा लेने की इच्छा ही तृष्णा है और कृपापात्र प्राणी ईश्
सब कुछ पा लेने की इच्छा ही तृष्णा है और कृपापात्र प्राणी ईश्
Sanjay ' शून्य'
अंबेडकर जयंती
अंबेडकर जयंती
Shekhar Chandra Mitra
कठिनाईयां देखते ही डर जाना और इससे उबरने के लिए कोई प्रयत्न
कठिनाईयां देखते ही डर जाना और इससे उबरने के लिए कोई प्रयत्न
Paras Nath Jha
।। नीव ।।
।। नीव ।।
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
3368.⚘ *पूर्णिका* ⚘
3368.⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
21वीं सदी और भारतीय युवा
21वीं सदी और भारतीय युवा
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
रंगों की सुखद फुहार
रंगों की सुखद फुहार
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
एहसास के रिश्तों में
एहसास के रिश्तों में
Dr fauzia Naseem shad
रिश्तों को तू तोल मत,
रिश्तों को तू तोल मत,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
*
*"ममता"* पार्ट-4
Radhakishan R. Mundhra
Stop use of Polythene-plastic
Stop use of Polythene-plastic
Tushar Jagawat
जिंदगी है बहुत अनमोल
जिंदगी है बहुत अनमोल
gurudeenverma198
■ एक होते हैं पराधीन और एक होते हैं स्वाधीन। एक को सांस तक ब
■ एक होते हैं पराधीन और एक होते हैं स्वाधीन। एक को सांस तक ब
*Author प्रणय प्रभात*
क्रव्याद
क्रव्याद
Mandar Gangal
प्रकाशित हो मिल गया, स्वाधीनता के घाम से
प्रकाशित हो मिल गया, स्वाधीनता के घाम से
Pt. Brajesh Kumar Nayak
*गृहस्थ संत स्वर्गीय बृजवासी लाल भाई साहब*
*गृहस्थ संत स्वर्गीय बृजवासी लाल भाई साहब*
Ravi Prakash
मुझे मेरी फितरत को बदलना है
मुझे मेरी फितरत को बदलना है
Basant Bhagawan Roy
You cannot find me in someone else
You cannot find me in someone else
Sakshi Tripathi
!!! होली आई है !!!
!!! होली आई है !!!
जगदीश लववंशी
दोस्त ना रहा ...
दोस्त ना रहा ...
Abasaheb Sarjerao Mhaske
क्या कहूँ
क्या कहूँ
Ajay Mishra
Loading...