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1 May 2024 · 1 min read

3368.⚘ *पूर्णिका* ⚘

3368.⚘ पूर्णिका
🌹 लक्ष्य से भटक जाते हैं🌹
22 212 22
लक्ष्य से भटक जाते हैं ।
मन भी अटक जाते हैं ।।
जीवन की कहानी सुन ।
नैना मटक जाते हैं ।।
बनते बिगड़ते हैं क्या।
चलते लटक जाते हैं ।।
सरकारी यहाँ अपना।
लाखों गटक जाते हैं ।।
कर ले मेहनत खेदू।
मंजिल झटक जाते हैं ।।
…….✍ डॉ .खेदू भारती “सत्येश “
01-05-2024बुधवार

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