Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
3 Jan 2023 · 1 min read

देश और देशभक्ति

सदियों से भारत का नक्शा क्यों,धीरे धीरे सिमट रहा है।
क्योंकि देश का हर एक बन्दा यहां अपनों को दुश्मन समझ रहा है।।
मुट्ठी भर अंग्रेजों ने आकर देश में भाई को भाई से खूब लड़ाया।
एक राजा के भरे कान और उसको दूसरों के खिलाफ भड़काया।।
इसी तरह मुगलों ने देश की रियासत प्रथा का फायदा उठाया।
एक रियासत के राजा से मिलकर दूजी रियासत के राजा का सिर कटवाया।।
जैसे तैसे सरदार पटेल ने सबको एक माला का मोती बनाया।
तब कहीं जाकर एक हुए सब,और देश पर भारतीय तिरंगा फहराया।।
इस तिरंगे को अपनाने की खातिर हमने अपना एक बाजू कटवाया।
नेहरू गाँधी फिर भी नहीं समझे,और आस्तीन के कुछ सांपों को यहीं बसाया।।
तीन पीढ़ियों से एक परिवार ने क्यों इन सांपों को दूध पिलाया।
बाकी बचे हुए सब लोगों को जाती धर्म की दलदल में फंसाया।।
आज भी हम इस जात पात के खेल को क्योंकर समझना नहीं चाहते हैं।
और क्यों मंदिर मस्जिद के खेल में खुद को उलझा हुआ पाते हैं।
उठो और जागो तुम अब तुमको आखरी मौका है मिलने का।
अब नहीं खिला तो फिर इस देश में कमल दुबारा नहीं खिलने का।।
कहे विजय बिजनौरी सबसे खुद भी जागो और सबको जगाओ।
खुद की विरासत को है बचाना तो, देशभक्ति का सबको पाठ पढ़ाओ।।

विजय कुमार अग्रवाल
विजय बिजनौरी

Language: Hindi
4 Likes · 193 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from विजय कुमार अग्रवाल
View all
You may also like:
बचपन का प्यार
बचपन का प्यार
Vandna Thakur
कौन सुने फरियाद
कौन सुने फरियाद
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
धर्म का मर्म समझना है ज़रूरी
धर्म का मर्म समझना है ज़रूरी
Dr fauzia Naseem shad
Kitna hasin ittefak tha ,
Kitna hasin ittefak tha ,
Sakshi Tripathi
*स्वजन जो आज भी रूठे हैं, उनसे मेल हो जाए (मुक्तक)*
*स्वजन जो आज भी रूठे हैं, उनसे मेल हो जाए (मुक्तक)*
Ravi Prakash
गीत- तुम्हारा साथ दे हरपल...
गीत- तुम्हारा साथ दे हरपल...
आर.एस. 'प्रीतम'
सन्यासी का सच तप
सन्यासी का सच तप
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
भोर सुहानी हो गई, खिले जा रहे फूल।
भोर सुहानी हो गई, खिले जा रहे फूल।
surenderpal vaidya
44...Ramal musamman maKHbuun mahzuuf maqtuu.a
44...Ramal musamman maKHbuun mahzuuf maqtuu.a
sushil yadav
असुर सम्राट भक्त प्रह्लाद – आविर्भाव का समय – 02
असुर सम्राट भक्त प्रह्लाद – आविर्भाव का समय – 02
Kirti Aphale
फूल कुदरत का उपहार
फूल कुदरत का उपहार
Harish Chandra Pande
श्रीकृष्ण
श्रीकृष्ण
Raju Gajbhiye
*वो जो दिल के पास है*
*वो जो दिल के पास है*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
ख्वाबों में मिलना
ख्वाबों में मिलना
Surinder blackpen
ग़ज़ल
ग़ज़ल
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
*बहू- बेटी- तलाक*
*बहू- बेटी- तलाक*
Radhakishan R. Mundhra
जीवन और मृत्यु के मध्य, क्या उच्च ये सम्बन्ध है।
जीवन और मृत्यु के मध्य, क्या उच्च ये सम्बन्ध है।
Manisha Manjari
अजीब शख्स था...
अजीब शख्स था...
हिमांशु Kulshrestha
#एक_सबक़-
#एक_सबक़-
*प्रणय प्रभात*
माता पिता नर नहीं नारायण हैं ? ❤️🙏🙏
माता पिता नर नहीं नारायण हैं ? ❤️🙏🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
गुस्सा सातवें आसमान पर था
गुस्सा सातवें आसमान पर था
सिद्धार्थ गोरखपुरी
जब अथक प्रयास करने के बाद आप अपनी खराब आदतों पर विजय प्राप्त
जब अथक प्रयास करने के बाद आप अपनी खराब आदतों पर विजय प्राप्त
Paras Nath Jha
दोहा त्रयी. . . सन्तान
दोहा त्रयी. . . सन्तान
sushil sarna
2971.*पूर्णिका*
2971.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
बाप की गरीब हर लड़की झेल लेती है लेकिन
बाप की गरीब हर लड़की झेल लेती है लेकिन
शेखर सिंह
जा रहा है
जा रहा है
Mahendra Narayan
ना नींद है,ना चैन है,
ना नींद है,ना चैन है,
लक्ष्मी सिंह
दूध-जले मुख से बिना फूंक फूंक के कही गयी फूहड़ बात! / MUSAFIR BAITHA
दूध-जले मुख से बिना फूंक फूंक के कही गयी फूहड़ बात! / MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
शिद्धतों से ही मिलता है रोशनी का सबब्
शिद्धतों से ही मिलता है रोशनी का सबब्
कवि दीपक बवेजा
महाकवि नीरज के बहाने (संस्मरण)
महाकवि नीरज के बहाने (संस्मरण)
Kanchan Khanna
Loading...