Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
20 Jul 2021 · 1 min read

देव शयनी एकादशी

देवशयनी एकादशी पर्व है, अंतस में जाने का
जप तप व्रत नियम, जीवन में धारण करने का
एक निष्ठ हो योग ध्यान, इंद्रिय संयम करने का
सत चित आनंद स्वरूप, सच्चिदानंद में रमने का
पावस ऋतु के चतुर्मास, आवागमन में बाधक हैं
एक स्थान पर रुक कर, जप तप करते साधक हैं
योग ध्यान से वाह्य वृत्तियां, चित्त शांत करते हैं
सद वृत्तियां जगती हैं अंदर, दोष शमन करते हैं देवशयनी एकादशी से, देवउठनी एकादशी तक चतुर्मास चलता है
जप तप नियम संयम का, शुभ फल मिलता है
सुरेश कुमार चतुर्वेदी

Language: Hindi
4 Likes · 2 Comments · 204 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from सुरेश कुमार चतुर्वेदी
View all
You may also like:
3) “प्यार भरा ख़त”
3) “प्यार भरा ख़त”
Sapna Arora
कौशल कविता का - कविता
कौशल कविता का - कविता
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
मूर्ख बनाकर काक को, कोयल परभृत नार।
मूर्ख बनाकर काक को, कोयल परभृत नार।
डॉ.सीमा अग्रवाल
मेरे प्रेम की सार्थकता को, सवालों में भटका जाती हैं।
मेरे प्रेम की सार्थकता को, सवालों में भटका जाती हैं।
Manisha Manjari
जै जै जग जननी
जै जै जग जननी
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
पर्यावरण
पर्यावरण
Dinesh Kumar Gangwar
पहाड़ी नदी सी
पहाड़ी नदी सी
Dr.Priya Soni Khare
अपने पुस्तक के प्रकाशन पर --
अपने पुस्तक के प्रकाशन पर --
Shweta Soni
सेवा या भ्रष्टाचार
सेवा या भ्रष्टाचार
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
ईमेल आपके मस्तिष्क की लिंक है और उस मोबाइल की हिस्ट्री आपके
ईमेल आपके मस्तिष्क की लिंक है और उस मोबाइल की हिस्ट्री आपके
Rj Anand Prajapati
भारत माँ के वीर सपूत
भारत माँ के वीर सपूत
Kanchan Khanna
कभी धूप तो कभी बदली नज़र आयी,
कभी धूप तो कभी बदली नज़र आयी,
Rajesh Kumar Arjun
परमपिता तेरी जय हो !
परमपिता तेरी जय हो !
Mrs PUSHPA SHARMA {पुष्पा शर्मा अपराजिता}
मुझे भी बतला दो कोई जरा लकीरों को पढ़ने वालों
मुझे भी बतला दो कोई जरा लकीरों को पढ़ने वालों
VINOD CHAUHAN
अपनों के अपनेपन का अहसास
अपनों के अपनेपन का अहसास
Harminder Kaur
पिता (मर्मस्पर्शी कविता)
पिता (मर्मस्पर्शी कविता)
Dr. Kishan Karigar
*तरबूज (बाल कविता)*
*तरबूज (बाल कविता)*
Ravi Prakash
#मज़दूर
#मज़दूर
Dr. Priya Gupta
दोहा
दोहा
दुष्यन्त 'बाबा'
प्राणदायिनी वृक्ष
प्राणदायिनी वृक्ष
AMRESH KUMAR VERMA
आज के दौर के मौसम का भरोसा क्या है।
आज के दौर के मौसम का भरोसा क्या है।
Phool gufran
मतदान
मतदान
साहिल
■ समझो रे छुटमैयों...!!
■ समझो रे छुटमैयों...!!
*Author प्रणय प्रभात*
How do you want to be loved?
How do you want to be loved?
पूर्वार्थ
"देश भक्ति गीत"
Slok maurya "umang"
दूसरों के अनुभव से लाभ उठाना भी एक अनुभव है। इसमें सत्साहित्
दूसरों के अनुभव से लाभ उठाना भी एक अनुभव है। इसमें सत्साहित्
Dr. Pradeep Kumar Sharma
हम ये कैसा मलाल कर बैठे
हम ये कैसा मलाल कर बैठे
Dr fauzia Naseem shad
पवनसुत
पवनसुत
सिद्धार्थ गोरखपुरी
3475🌷 *पूर्णिका* 🌷
3475🌷 *पूर्णिका* 🌷
Dr.Khedu Bharti
** पर्व दिवाली **
** पर्व दिवाली **
surenderpal vaidya
Loading...