Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
21 Nov 2023 · 1 min read

देते हैं जो मशविरा

लगे आंकने आजकल ,..मेरा जो किरदार ।
नीयत अपनी आँक ले,स्वयं जरा इक बार ।।

देते है जो मशविरा, मुझे हमेशा यार ।
जी कर देखें तो जरा, मेरा वे किरदार।।
रमेश शर्मा.

Language: Hindi
2 Likes · 196 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
नवरात्रि - गीत
नवरात्रि - गीत
Neeraj Agarwal
23, मायके की याद
23, मायके की याद
Dr Shweta sood
3116.*पूर्णिका*
3116.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
Acrostic Poem
Acrostic Poem
jayanth kaweeshwar
** चीड़ के प्रसून **
** चीड़ के प्रसून **
लक्ष्मण 'बिजनौरी'
लोग एक दूसरे को परखने में इतने व्यस्त हुए
लोग एक दूसरे को परखने में इतने व्यस्त हुए
ruby kumari
दीवाली की हार्दिक शुभकामनाएं 🙏💐
दीवाली की हार्दिक शुभकामनाएं 🙏💐
Monika Verma
पत्थर की अभिलाषा
पत्थर की अभिलाषा
Shyam Sundar Subramanian
मायके से दुआ लीजिए
मायके से दुआ लीजिए
Harminder Kaur
शिक्षक हमारे देश के
शिक्षक हमारे देश के
Bhaurao Mahant
निदामत का एक आँसू ......
निदामत का एक आँसू ......
shabina. Naaz
*दायरे*
*दायरे*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
हर रास्ता मुकम्मल हो जरूरी है क्या
हर रास्ता मुकम्मल हो जरूरी है क्या
कवि दीपक बवेजा
.........?
.........?
शेखर सिंह
बड़ा सुंदर समागम है, अयोध्या की रियासत में।
बड़ा सुंदर समागम है, अयोध्या की रियासत में।
जगदीश शर्मा सहज
■ मोहल्ला ज़िंदा लोगों से बनता है। बस्ती तो मुर्दों की भी होत
■ मोहल्ला ज़िंदा लोगों से बनता है। बस्ती तो मुर्दों की भी होत
*प्रणय प्रभात*
*नववर्ष*
*नववर्ष*
Dr. Priya Gupta
निर्मल भक्ति
निर्मल भक्ति
Dr. Upasana Pandey
💐💐💐दोहा निवेदन💐💐💐
💐💐💐दोहा निवेदन💐💐💐
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
नशा
नशा
Ram Krishan Rastogi
*बल गीत (वादल )*
*बल गीत (वादल )*
Rituraj shivem verma
*बोलो चुकता हो सका , माँ के ऋण से कौन (कुंडलिया)*
*बोलो चुकता हो सका , माँ के ऋण से कौन (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
दोहे
दोहे
अशोक कुमार ढोरिया
स्वप्न श्रृंगार
स्वप्न श्रृंगार
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
जवानी
जवानी
Bodhisatva kastooriya
पर्यावरण और प्रकृति
पर्यावरण और प्रकृति
Dhriti Mishra
पास नहीं
पास नहीं
Pratibha Pandey
जैसी नीयत, वैसी बरकत! ये सिर्फ एक लोकोक्ति ही नहीं है, ब्रह्
जैसी नीयत, वैसी बरकत! ये सिर्फ एक लोकोक्ति ही नहीं है, ब्रह्
विमला महरिया मौज
आ गया है मुस्कुराने का समय।
आ गया है मुस्कुराने का समय।
surenderpal vaidya
भाग्य प्रबल हो जायेगा
भाग्य प्रबल हो जायेगा
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
Loading...