Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
9 May 2024 · 1 min read

देखो जग सारा जागा है

देखो जग सारा जागा है
उषा की आहट पाकर
तिमिर डरकर भागा है
तुम भी जागो हे मनुज
देखो जग सारा जागा है

अठखेली करती दिनकर किरणें
पोखर में संग वारि के
देखो कमल नयन चितवन से
चंचल हैं किसी ग्राम कुमारी के

अंबर पे था जो तारों का बिछौना
भोर ने आकर समेट लिया
गई विभावरी आई दिवस की बेला
हिम-बिंदुओं ने अवनि को लपेट लिया

उदधि के गर्भ से निकला
अरुणमय वो वृत्तकुमार
हुई विदाई निशा दुल्हन की
डोली उठाओ अ कहार

नभ पे छाई रक्त सी लाली
मानों कोई शरमाया हो
अपनी रूप राशी को देखकर
प्रकृति कुमार इतराया हो

इस मधुर समय में कैसे
मधुमाति सुरभि पवन टरे
देखो कितना सुंदर मृगछौना
अपनों के साये में चरे

इस वसुधा पर सुबह की बेला
जितनी सखे निरखती है
ऐसे मन-मोहक दृश्य देखने को
देवकन्या भी तरसती है

पर अ नर तुम चेतना शून्य
तेरी आँखें क्यूँ स्वप्न विचरती है
खोया क्यूँ है उस कल्पित लोक में
देख धरणी पर प्रभु-माया बरसती है
सोनू हंस

Language: Hindi
20 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
मेरे कफन को रहने दे बेदाग मेरी जिंदगी
मेरे कफन को रहने दे बेदाग मेरी जिंदगी
VINOD CHAUHAN
क्या करते हो?
क्या करते हो?
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
अधिकार जताना
अधिकार जताना
Dr fauzia Naseem shad
दर्द की धुन
दर्द की धुन
Sangeeta Beniwal
भूल
भूल
Neeraj Agarwal
बिहार–झारखंड की चुनिंदा दलित कविताएं (सम्पादक डा मुसाफ़िर बैठा & डा कर्मानन्द आर्य)
बिहार–झारखंड की चुनिंदा दलित कविताएं (सम्पादक डा मुसाफ़िर बैठा & डा कर्मानन्द आर्य)
Dr MusafiR BaithA
*सुख या खुशी*
*सुख या खुशी*
Shashi kala vyas
प्रतीक्षा
प्रतीक्षा
Shyam Sundar Subramanian
जब भी बुलाओ बेझिझक है चली आती।
जब भी बुलाओ बेझिझक है चली आती।
Ahtesham Ahmad
#शब्द_सुमन
#शब्द_सुमन
*Author प्रणय प्रभात*
कर्म परायण लोग कर्म भूल गए हैं
कर्म परायण लोग कर्म भूल गए हैं
प्रेमदास वसु सुरेखा
रिश्ते वक्त से पनपते है और संवाद से पकते है पर आज कल ना रिश्
रिश्ते वक्त से पनपते है और संवाद से पकते है पर आज कल ना रिश्
पूर्वार्थ
.
.
Ragini Kumari
प्यार का पंचनामा
प्यार का पंचनामा
Dr Parveen Thakur
दोगलापन
दोगलापन
Mamta Singh Devaa
23/28.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/28.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
जब तक बांकी मेरे हृदय की एक भी सांस है।
जब तक बांकी मेरे हृदय की एक भी सांस है।
Rj Anand Prajapati
तृष्णा उस मृग की भी अब मिटेगी, तुम आवाज तो दो।
तृष्णा उस मृग की भी अब मिटेगी, तुम आवाज तो दो।
Manisha Manjari
यूँ  भी  हल्के  हों  मियाँ बोझ हमारे  दिल के
यूँ भी हल्के हों मियाँ बोझ हमारे दिल के
Sarfaraz Ahmed Aasee
मतलबी ज़माना है.
मतलबी ज़माना है.
शेखर सिंह
♥️♥️दौर ए उल्फत ♥️♥️
♥️♥️दौर ए उल्फत ♥️♥️
umesh mehra
इन्द्रिय जनित ज्ञान सब नश्वर, माया जनित सदा छलता है ।
इन्द्रिय जनित ज्ञान सब नश्वर, माया जनित सदा छलता है ।
लक्ष्मी सिंह
International Camel Year
International Camel Year
Tushar Jagawat
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
मानव-जीवन से जुड़ा, कृत कर्मों का चक्र।
मानव-जीवन से जुड़ा, कृत कर्मों का चक्र।
डॉ.सीमा अग्रवाल
गुरु ही वर्ण गुरु ही संवाद ?🙏🙏
गुरु ही वर्ण गुरु ही संवाद ?🙏🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
जिस दिन कविता से लोगों के,
जिस दिन कविता से लोगों के,
जगदीश शर्मा सहज
शिवाजी गुरु समर्थ रामदास – ईश्वर का संकेत और नारायण का गृहत्याग – 03
शिवाजी गुरु समर्थ रामदास – ईश्वर का संकेत और नारायण का गृहत्याग – 03
Sadhavi Sonarkar
मेरी जीत की खबर से ऐसे बिलक रहे हैं ।
मेरी जीत की खबर से ऐसे बिलक रहे हैं ।
Phool gufran
नया साल
नया साल
विजय कुमार अग्रवाल
Loading...