Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
23 May 2024 · 1 min read

देखा है

पढ़े-लिखों के घरों को उजड़ते देखा है।
अनपढ़ों को तो हम ने निखरते देखा है।

समंदर की लहरें भूल ही जाती हैँ उछाल।
झीलों को हम ने कई बार उमड़ते देखा है।

क्यूँ मायूस हो जाती है क़लम भी ख़ुद से ?
तलवारों को तो हम ने चमकते ही देखा है।

महलें फल-फूल कर भी ग़रीब हो जाते हैं।
झोपड़ियाँ को हम ने अमीर होते देखा है।

अक्सर लड़खड़ानेवाले ही संभल जाते हैं।
सम्भलों को तो हम ने लड़खड़ाते देखा है।

इंसान तो शौक़ से हैवान हो जाता हैं यहाँ।
हैवानों को तो हम ने इंसान बनते देखा है।

Language: Hindi
71 Views
Books from Ahtesham Ahmad
View all

You may also like these posts

मालवीय जी अटल बिहारी हैं भारत की शान(गीत)
मालवीय जी अटल बिहारी हैं भारत की शान(गीत)
Ravi Prakash
हस्त मुद्राएं
हस्त मुद्राएं
surenderpal vaidya
4737.*पूर्णिका*
4737.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
"झूठी है मुस्कान"
Pushpraj Anant
inner voice!
inner voice!
कविता झा ‘गीत’
- तुम अगर साथ देते तो हम आज नामचीन होते -
- तुम अगर साथ देते तो हम आज नामचीन होते -
bharat gehlot
कभी कभी किसी व्यक्ति(( इंसान))से इतना लगाव हो जाता है
कभी कभी किसी व्यक्ति(( इंसान))से इतना लगाव हो जाता है
Rituraj shivem verma
चुनावी मौसम
चुनावी मौसम
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
थोड़ा सा अजनबी बन कर रहना तुम
थोड़ा सा अजनबी बन कर रहना तुम
शेखर सिंह
दोस्तों
दोस्तों
Sunil Maheshwari
हे देवाधिदेव गजानन
हे देवाधिदेव गजानन
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
New Beginnings. 🌻
New Beginnings. 🌻
पूर्वार्थ
P
P
*प्रणय*
भ्रमर और तितली.
भ्रमर और तितली.
Heera S
ध्यान करने परमपिता का
ध्यान करने परमपिता का
Chitra Bisht
समय की पुकार
समय की पुकार
Shyam Sundar Subramanian
उफ ये सादगी तुम्हारी।
उफ ये सादगी तुम्हारी।
Taj Mohammad
जीवन संगिनी
जीवन संगिनी
जगदीश लववंशी
अमृतमयी प्रेम
अमृतमयी प्रेम
Nitin Kulkarni
सबकी अपनी जिन्दगी है
सबकी अपनी जिन्दगी है
Saraswati Bajpai
हंसी तलाशेंगे तो हंसी आएगी,
हंसी तलाशेंगे तो हंसी आएगी,
Sanjay ' शून्य'
हम थक हार कर बैठते नहीं ज़माने में।
हम थक हार कर बैठते नहीं ज़माने में।
Phool gufran
तुम्हारे दीदार की तमन्ना
तुम्हारे दीदार की तमन्ना
Anis Shah
एक बार नहीं, हर बार मैं
एक बार नहीं, हर बार मैं
gurudeenverma198
सागर ने जब जब हैं  हद तोड़ी,
सागर ने जब जब हैं हद तोड़ी,
Ashwini sharma
अनंत की ओर _ 1 of 25
अनंत की ओर _ 1 of 25
Kshma Urmila
बीज निरर्थक रोप मत ! , कविता में संस्कार।
बीज निरर्थक रोप मत ! , कविता में संस्कार।
RAMESH SHARMA
*अज्ञानी की कलम से हमारे बड़े भाई जी प्रश्नोत्तर शायद पसंद आ
*अज्ञानी की कलम से हमारे बड़े भाई जी प्रश्नोत्तर शायद पसंद आ
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
*शिवरात्रि*
*शिवरात्रि*
Dr. Priya Gupta
" सरहद "
Dr. Kishan tandon kranti
Loading...