*दूर चली जाओगी जीजी, फिर जाने कब आओगी (गीत)*
दूर चली जाओगी जीजी, फिर जाने कब आओगी (गीत)
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दूर चली जाओगी जीजी, फिर जाने कब आओगी
1)
जीजी हमको भूल न जाना, हम मैके की फुलवारी
बातें करके खुश होते थे, हम तुमसे प्यारी-प्यारी
जीजा जी के साथ रहोगी, दुनिया नई बसाओगी
2)
जो हम झगड़े हों तुमसे तो, माफ हमें तुम कर देना
नाम हमारा जब भी लेना, सदा प्यार से ही लेना
याद तुम्हारी जब आएगी, जीजी बहुत रुलाओगी
3)
पापा-मम्मी की ऑंखों से, ऑंसू जब भी आऍंगे
हम बातों में उन्हें लगाकर, मुस्काना सिखलाऍंगे
आशा है हर चिट्ठी में तुम, अपनी कुशल बताओगी
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रचयिता: रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 9997615451