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22 May 2024 · 1 min read

गीत- सभी हालात में हँसके…

सभी हालात में हँसके गुज़ारे पल बहादुर ही।
ग़मों में ज़िंदगी अपनी सुधारे कल बहादुर ही।।

हटे पीछे गिरे नीचे सदा ही काम से भागे।
सुनो क़िस्मत यहाँ उसकी नहीं यारों कभी जागे।
लुटाए कर्म की ख़ुशबू ज़माने में बहादुर ही।
ग़मों में ज़िंदगी अपनी सुधारे कल बहादुर ही।।

बहाने तो करे कायर कपट चुगली लिए दिल में।
मगर ख़ुशियाँ मिलें सच को हमेशा यार महफ़िल में।
मुहब्बत का करे वंदन जहाँ में बस बहादुर ही।
ग़मों में ज़िंदगी अपनी सुधारे कल बहादुर ही।।

वतन से प्यार हो जिसको मिटाए झूठ झूठे को।
मनाए एक पल में मिल वो अपने ग़ैर रूठे को।
रचे चाहत लिखे उल्फ़त मिटा नफ़रत बहादुर ही।
ग़मों में ज़िंदगी अपनी सुधारे कल बहादुर ही।।

आर. एस. ‘प्रीतम’

Language: Hindi
2 Likes · 24 Views
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