दूध में भंग
दूध में भंग मिलाई के भईया,कई घूँट लियो लगाय।
जो न मार पावे घूँट यह , वह पाछे बड़ा पछताय।
किरोना के यह दौर में, होली मिलन है फेल।
कस दिहलस त्योहार पर, बड़े बड़न के नकेल।।
हाथ मिलावे गले मिलन से रख लिहो परहेज,
हाथ मिलावे के जगहि पे नजर लियो मिलाय।
दूध में भंग मिलाई के भईया, कई घूँट लियो लगाय।
– सिद्धार्थ पांडेय