दूध मलाई और खुरचन
“दूध मलाई और खुरचन”
जब कभी भी दूध या उस की मलाई की बात होती है
ज़ेहन में दूध पर तैरती वो सफ़ेद मोटीसी परत होती है
जो दूध को गरम करते ही, ऐसे बाहर निकल जाती है
मानो आग में जलने की दहशत से भाग खड़ी होती है
पर बला से बचने की कोशिश में अलगथलग पड़कर
सब से पहले तो खुद वही दुश्मनों की नज़र में होती है
मौका मिलते ही, हाथ साफ करते हैं, सभी मलाई पर
दूध आम होता है दुनिया में, पर मलाई खास होती है
इन सारी बातों से अलग कोई है जो दिखाई नही देती
दूध जले ना इसके लिए वो ढाल बनकर खड़ी होती है
दूध मलाई की रौनकें माना मोह लेती हैं सभी का मन
पर जो इन्हें महफूज़ रखती है उसी का नाम है खुरचन
~ नितिन जोधपुरी “छीण”