Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
29 Jul 2021 · 1 min read

दुश्मनी में भी – प्यार होता है

प्यार – प्यार होता है ,
जैसा भी होता है,

प्यार के साथ दुश्मनी निभा लो या दुश्मनी के साथ प्यार..

प्यार के बिना दुश्मनी निभाना मुश्किल है यारों,

हर वक्त उसके बारे में सोचना,
उसे याद करना,
उसके हर कदम पता लगाना,
हर किसी से उसके बारे में पता लगाना,

खाते – पीते, जागते – सोते बस उसी की बातें करना,
प्यार नहीं तो क्या है….

कर्म से तू चाहे दुश्मनी निभा ले ,
पर मन में तूने मुझे ही बसा रखा है,

चल बता, एक छोटी सी बात:-

जितनी शिद्दत के साथ तो दुश्मनी निभाता है ना,
काश कि तूने उतनी शिद्दत से प्यार कर लिया होता….

मैं तेरा दुश्मन नहीं तेरा यार होता!

उमेंद्र कुमार

Language: Hindi
2 Likes · 321 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
ज़ब ज़ब जिंदगी समंदर मे गिरती है
ज़ब ज़ब जिंदगी समंदर मे गिरती है
शेखर सिंह
वो वक्त कब आएगा
वो वक्त कब आएगा
Harminder Kaur
मैं हूँ के मैं अब खुद अपने ही दस्तरस में नहीं हूँ
मैं हूँ के मैं अब खुद अपने ही दस्तरस में नहीं हूँ
'अशांत' शेखर
काफी लोगो ने मेरे पढ़ने की तेहरिन को लेकर सवाल पूंछा
काफी लोगो ने मेरे पढ़ने की तेहरिन को लेकर सवाल पूंछा
पूर्वार्थ
रिश्ते
रिश्ते
Dr fauzia Naseem shad
मुहब्बत सचमें ही थी।
मुहब्बत सचमें ही थी।
Taj Mohammad
Re: !! तेरी ये आंखें !!
Re: !! तेरी ये आंखें !!
RAJA KUMAR 'CHOURASIA'
* चलते रहो *
* चलते रहो *
surenderpal vaidya
गर्व की बात
गर्व की बात
Er. Sanjay Shrivastava
दोस्ती का तराना
दोस्ती का तराना
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
शुक्रिया कोरोना
शुक्रिया कोरोना
Dr. Pradeep Kumar Sharma
জীবন চলচ্চিত্রের একটি খালি রিল, যেখানে আমরা আমাদের ইচ্ছামত গ
জীবন চলচ্চিত্রের একটি খালি রিল, যেখানে আমরা আমাদের ইচ্ছামত গ
Sakhawat Jisan
#परिहास
#परिहास
*Author प्रणय प्रभात*
जीवन उद्देश्य
जीवन उद्देश्य
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
2616.पूर्णिका
2616.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
*बुखार ही तो है (हास्य व्यंग्य)*
*बुखार ही तो है (हास्य व्यंग्य)*
Ravi Prakash
पापा
पापा
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
गाँव बदलकर शहर हो रहा
गाँव बदलकर शहर हो रहा
रवि शंकर साह
छीज रही है धीरे-धीरे मेरी साँसों की डोर।
छीज रही है धीरे-धीरे मेरी साँसों की डोर।
डॉ.सीमा अग्रवाल
उम्मीदों के आसमान पे बैठे हुए थे जब,
उम्मीदों के आसमान पे बैठे हुए थे जब,
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
सौतियाडाह
सौतियाडाह
नंदलाल सिंह 'कांतिपति'
कविता
कविता
Bodhisatva kastooriya
किराये की कोख
किराये की कोख
Dr. Kishan tandon kranti
दोस्ती
दोस्ती
Neeraj Agarwal
Dr Arun Kumar shastri
Dr Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
गर्दिश का माहौल कहां किसी का किरदार बताता है.
गर्दिश का माहौल कहां किसी का किरदार बताता है.
कवि दीपक बवेजा
यह जीवन भूल भूलैया है
यह जीवन भूल भूलैया है
VINOD CHAUHAN
💐प्रेम कौतुक-530💐
💐प्रेम कौतुक-530💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
तोहमतें,रूसवाईयाँ तंज़ और तन्हाईयाँ
तोहमतें,रूसवाईयाँ तंज़ और तन्हाईयाँ
Shweta Soni
रक्षा बंधन
रक्षा बंधन
विजय कुमार अग्रवाल
Loading...