“दुर्गम दुर्लभ कोंटा”
“दुर्गम दुर्लभ कोंटा”
यथा नाम तथा गुण को सदा
चरितार्थ करता कोंटा,
आन्ध्र-उड़ीसा की सरहद को
स्नेहिल स्पर्श देता।
“दुर्गम दुर्लभ कोंटा”
यथा नाम तथा गुण को सदा
चरितार्थ करता कोंटा,
आन्ध्र-उड़ीसा की सरहद को
स्नेहिल स्पर्श देता।