दुरजन की छाया
दुरजन की छाया से भी डरना सीखो।उससे मिलना और बिछुड़ना सीखो।रहता वह इनसान के रुप मे.।उसे जल्दी पहचानना सीखो।अगर गर मिल ही गया मनजिल मे।तो फिर उससे निपटना सीखो।
दुरजन की छाया से भी डरना सीखो।उससे मिलना और बिछुड़ना सीखो।रहता वह इनसान के रुप मे.।उसे जल्दी पहचानना सीखो।अगर गर मिल ही गया मनजिल मे।तो फिर उससे निपटना सीखो।