दुनिया में सब ही की तरह
दुनिया में सब ही की तरह
शिकायतों का भी अपना दायरा है,
*
जब उससे बाहर आती है
अपनों की अजनबी बना देती है !!
—डी के निवातिया—
दुनिया में सब ही की तरह
शिकायतों का भी अपना दायरा है,
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जब उससे बाहर आती है
अपनों की अजनबी बना देती है !!
—डी के निवातिया—