Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
30 Nov 2023 · 1 min read

दुनिया में सब ही की तरह

दुनिया में सब ही की तरह
शिकायतों का भी अपना दायरा है,
*
जब उससे बाहर आती है
अपनों की अजनबी बना देती है !!

—डी के निवातिया—

238 Views
Books from डी. के. निवातिया
View all

You may also like these posts

इक छाया सी
इक छाया सी
indu parashar
*जाता दिखता इंडिया, आता भारतवर्ष (कुंडलिया)*
*जाता दिखता इंडिया, आता भारतवर्ष (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
हनुमान जन्म स्थली किष्किंधा
हनुमान जन्म स्थली किष्किंधा
Er.Navaneet R Shandily
ये बाबू कायल हो जइबअ...
ये बाबू कायल हो जइबअ...
आकाश महेशपुरी
3065.*पूर्णिका*
3065.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
ग़ज़ल
ग़ज़ल
आर.एस. 'प्रीतम'
........
........
शेखर सिंह
🙅एक शोध🙅
🙅एक शोध🙅
*प्रणय*
* मुस्कुराते हुए *
* मुस्कुराते हुए *
surenderpal vaidya
" शब्द "
Dr. Kishan tandon kranti
छुपा सच
छुपा सच
Mahender Singh
तमाम उम्र काट दी है।
तमाम उम्र काट दी है।
Taj Mohammad
सूरज अंकल जलते जलते देखो इक दिन जल मत जाना।
सूरज अंकल जलते जलते देखो इक दिन जल मत जाना।
Kumar Kalhans
***
*** " तिरंगा प्यारा.......!!! " ***
VEDANTA PATEL
रूड़ौ म्हारो गांव धुम्बड़ियौ🌹
रूड़ौ म्हारो गांव धुम्बड़ियौ🌹
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
कभी-कभी ऐसा लगता है
कभी-कभी ऐसा लगता है
Suryakant Dwivedi
नए साल के ज़श्न को हुए सभी तैयार
नए साल के ज़श्न को हुए सभी तैयार
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
चंद्रयान ३
चंद्रयान ३
प्रदीप कुमार गुप्ता
एक गीत सुनाना मैं चाहूं
एक गीत सुनाना मैं चाहूं
C S Santoshi
प्यार
प्यार
Rambali Mishra
यार
यार
अखिलेश 'अखिल'
चौपाई - आजादी का पर्व
चौपाई - आजादी का पर्व
Sudhir srivastava
ਐਵੇਂ ਆਸ ਲਗਾਈ ਬੈਠੇ ਹਾਂ
ਐਵੇਂ ਆਸ ਲਗਾਈ ਬੈਠੇ ਹਾਂ
Surinder blackpen
जुए और चुनाव में उतना ही धन डालें, जिसे बिना परेशानी के क्वि
जुए और चुनाव में उतना ही धन डालें, जिसे बिना परेशानी के क्वि
Sanjay ' शून्य'
मौन
मौन
DR ARUN KUMAR SHASTRI
मुफ्त राशन के नाम पर गरीबी छिपा रहे
मुफ्त राशन के नाम पर गरीबी छिपा रहे
VINOD CHAUHAN
यादें
यादें
Dr fauzia Naseem shad
आप ज्यादातर समय जिस विषयवस्तु के बारे में सोच रहे होते है अप
आप ज्यादातर समय जिस विषयवस्तु के बारे में सोच रहे होते है अप
Rj Anand Prajapati
ग़ज़ल _ याद आता है कभी वो, मुस्कुराना दोस्तों ,
ग़ज़ल _ याद आता है कभी वो, मुस्कुराना दोस्तों ,
Neelofar Khan
आज की दुनिया ऐसी ज़ालिम है...
आज की दुनिया ऐसी ज़ालिम है...
Ajit Kumar "Karn"
Loading...