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5 Apr 2024 · 1 min read

“दुनिया को पहचानो”

“दुनिया को पहचानो”
जिस पगडण्डी पर कदम पड़े
वहाँ घास उगते कहाँ
बहते हुए पानी भी तो
चट्टान की बाँहों में रुकते कहाँ
बात छोटी पर सीख बड़ी है
दुनिया को पहचानो,
तुम तो आखिर इंसान हो
आँख मूंदकर बात न मानो।

4 Likes · 3 Comments · 178 Views
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