दुआर तोहर
छी मनुष्य पाथर
वृरहिद् विश्व भाने
तोंहि धर्मअवतारण
शक्ति रूपे जगदबा
छी दुआर तोहर
यथार्थ अभिलाषी
धर्म तिलक राघव
सनात तिलकधारी
नित रंग माए अँजोर
रंक्ततिलक,कुलदेवी
भरत भारती अभिमान हमारि
वैदेही करू वंदन बहिन
रक्षासूत्र सँ मोअ बान्हल
माँटिक नित नव सृजन
पथिक पथ,के अधिकारी
श्रीहर्ष आचार्य