दुःखी मानवों की सेवा करना
हम यह जानते हैं
कि जिसतरह सूर्य का धर्म है
ताप देना, भाप देना।
चंद्रमा का धर्म है
शीतलता देना,
ऊष्मा से राहत देना।
धरती का धर्म
अन्न देना, शांत मन देना ।
मानव भी समझ पाते
कि उनका धर्म है
दुःखी मानवों की
सेवा करना,
कर्मयोगियों की
मेवा नहीं छीनना।