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26 Nov 2020 · 1 min read

दीवाली में

तुम कहो तो माँगूँ कुछ इस बार दीवाली में
दो सनम भरपूर मुझको प्यार दीवाली में

बिंदिया चूड़ी झुमके पायल हार दीवाली में
अब नहीं चाहूँ मैं ये उपहार दीवाली में

आज के दिन कोई भी भूखा न रह जाए।
अन्नपूर्णा माँ भरें भंडार दीवाली में।।

दूज पर माँगी दुआ भाई सलामत हो ।
अब बढ़े भाई बहिन का प्यार दीवाली में।।

मुफलिसी से जिनके घर में फैला अंधियारा।
इक दिया उनके यहाँ उजयार दीवाली में।।

अब चलो बाँटें मिठाई ऐसे बच्चों को ।
जो भी भूखे बैठे हैं परिवार दीवाली में।।

मेरे दिल का कोना कोना हो गया रौशन ।
कर लिया जब आपका दीदार दीवाली में।।

ज्योति देखो किसके घर पसरा है अंधियारा।
जगमगाता दिख रहा संसार दीवाली में।।

श्रीमती ज्योति श्रीवास्तव

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