दीवानी
राधा तो दिवानी है,
श्री बांके बिहारी की।
नहीं लगता है दिल उसका,
जब तक न देखे सूरत तुम्हारी जी।
नैन ना खोले वो,
मुख से कुछ भी न बोले वो।
जब तक कान्हा के बोल,
रस कानों में न घोले वो।
ज़माने की न परवाह करे,
बस कृष्ण – कृष्ण नाम का जाप करे।
नि स्वार्थ प्रेम की है छ्ट आ निराली,
तभी तो राधाकृष्ण के प्रेम की दुनिया दीवानी।