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26 Jun 2020 · 1 min read

दीप बनकर जल उठें

दीप बनकर जल उठें,
फूल बनकर के खिलें
प्रेम के आलोक से,
विश्व को सुरभित करें
प्रेम सत्य है शाश्वत यारों,
जिंदगी एक सराय खाना है,
है पड़ाव मंजिल का,
हंसते गाते गुजर जाना है

Language: Hindi
9 Likes · 4 Comments · 289 Views
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