दीप जलाकर अंतर्मन का, दीपावली मनाओ तुम।
दीप जलाकर अंतर्मन का, दीपावली मनाओ तुम।
बजा पटाखे कहीं प्रदूषण, मानव मत फैलाओ तुम।।
शाँति सफलता सौहार्द ख़ुशी, श्रेष्ठ स्वास्थ्य प्रभु दें तुमको।
दीर्घायु मिले आँगन महके, भू-सुख सब प्रभु दें तुमको।।
#आर. एस. ‘प्रीतम’