दीपों की माला
दीपों की माला में , जीवन पिरो लो
खुशियों से खुद को, सराबोर कर लो
बिखेर दो रोशनी , आँगन मे सभी के
रंगोली के रंग , जीवन में भर लो
चांद तारे सभी ,उतर आए ज़मी पर
दीपों से संसार , रोशन कर लो
खिला दो कुछ रंग , जीवन में सभी के
दिवाली की इतना , पावन कर लो
दीपों की माला में , जीवन पिरो लो
खुशियों से खुद को, सराबोर कर लो
अनिल कुमार गुप्ता “अंजुम”