दीपक
है ऐसा दीपक जग में ,
जो करता है उजियारा मन में ।
कहते हैं उसे एक शिक्षक भी ,
क्योंकि वह ही करता है ,
हमारी जिंदगी रोशन सी।
नाम है इनके बहुत सारे,
कोई कहे गुरुजी ,तो कोई मास्टर जी ,
कुछ कहते हैं यह तो है,
अध्यापक हमारे।
है दीपक एक शिक्षक ऐसा ,
जो हर घर को चमकाता है ।
आज कहीं धुंधली सी है चमक इनकी ,
क्योंकि करोना का खतरा मंडराता है।
टीम टीमने यह अब फिर से लगे हैं,
जो बच्चे 2 साल में बिगड़ गए ,
अब उन्हें सुधारने में जुटे हैं।
इनका भी वर्ष में एक बार आता त्यौहार है ,
उल्लास भरे मन से सभी ,
शिक्षकों को मुबारक यह त्यौहार हैं।
नतमस्तक सुतिशा अपने सभी,
शिक्षकों के चरणों में।
आज इन्हीं की वजह से,
खड़ा यह संसार है।
रोटी मिलती है हर घर को,
खुशियों से भरा आज हर परिवार है।
सभी आदरणीय कवियों व कवित्री यों से अनुरोध है कि यदि कविता पसंद आए तो अपनी राय जरूर भेजें और यदि कोई कमी नजर आए कृपया अवश्य बताएं।
धन्यवाद।