फूलो की सीख !!
ये प्यारे प्यारे रंग बिरंगे जो फूल हैं न!
वो कहते हैं, बहुत कुछ कहते हैं
बुलाते हैं वो अपने पास हमें और
कहते हैं की देखो कभी हमारी दुनिया भी
कितनी खूबसूरत है ये, जानते हो कैसे?
क्योंकि हम फ़र्क़ नहीं करते इंसानों की तरह
रंग, जाती, धर्म का कोई भेद नहीं है हममें
सभी रंग में अनेक प्रकार के होते हैं हम भी
मगर रहते हैं एक ही गुलशन में
और तभी लगते हैं इतने अच्छे
सोचो अगर हम भी एकरंगी ही हो जाये
तो भला ऊब नहीं जायेगा इंसान भी हमसे?
हर तरह की खुशबू फैलते हैं हम
हर इंसान की अलग समझ की तरह
और तभी तो एक फूल से ज्यादा भाती है
तुमको भी एक बगिया की महक
क्योंकि अलग अलग वो स्वाद नहीं
जो नयन रस चखते हो तुम हमको साथ देख
यही सीखो भी तुम हमसे कि
साथ रहोगे तो ही कहलाओगे दुनिया में नेक
हर रंग रूप, धर्म के इंसान जब होंगे एक बस्ती में
तो मिटा न पायेगा कोई तुम्हारी बस्ती सस्ते में!!
©️ रचना ‘मोहिनी’