दिल में एक एहसास हो रहा है…!
हल्का हल्का ध्यान खो रहा,
बदन में धीरे से ताप चढ़ रहा,
गर्मी है या पीर पुराना,
सदियों से बदनाम हो रहा ।
रंगत इसकी घुल मिल जाए,
नैनो से नैना जब मिल जाए,
गैरों का ख्याल हो रहा,
धीरे-धीरे प्यार हो रहा ।
दिल दिमाग में बस गया है,
उतरे न वह खुमार हो गया,
आहिस्ता-आहिस्ता धड़क रहा है,
धड़कन में कुछ रफ्तार बढ़ गया ।
दर्द और मरहम एक साथ हो जाए,
होना है वह बात हो जाए,
उनसे भी एक मुलाकात हो जाए,
दिल में एक एहसास हो रहा है..।
✍?
बुद्ध प्रकाश मौदहा हमीरपुर ।