दिल की प्रोफाइल में
जबसे तेरा नम्बर मैंने जो सेव किया मोबाइल में।
तबसे तेरी तस्वीर लगी मेरे दिल की प्रोफाइल में।
अब दर्द ए दिल छुपाने का क्या खूब तरीका ढूंढ़ा है ।
अक्सर धोखा खा जाता हूँ तेरी स्वीट स्माइल में।।
इंगेज मिले जब फोन तेरा कई प्रश्न चिन्ह बन जाते हैं।
तुमसे बातें हो पाती हैं हर बार सनम री डाइल में।।
यूँ दफ्तर दफ्तर फिरने से कुछ काम नहीं होने वाला।
झट पट चाहो तो नोटों के पहिये लगवा दो फ़ाइल में।।
राधाकृष्णा,शिवपार्वती, सियाराम सरीखा प्रेम करो ।
तामीर न करना वो ताजमहल तुम शाहजहाँ स्टाइल में।।
ज्योति इसी बंजर भूमि में नफरत की खरपतवार हुई।
अब प्रेम का बीज पनपने दो दिल की उपजाऊ सॉइल में।।
✍?श्रीमती ज्योति श्रीवास्तव