Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
18 Feb 2024 · 2 min read

दिलबर दिलबर

drarunkumarshastri _एक अबोध बालक _arunatript

* दिलबर दिलबर *

हर कोई खुशनसीब हर बार नहीं होता ।
हर किसी की किस्मत में यार नहीं होता ।
नसीब होता है सभी का , लेकिन दिल गीत गाने लगे ।
ऐसा तो मेरे यार हर किसी का नसीब नहीं होता ।

चार दिन हो खुशी हो सकता है, कोई गम न हो
फिर उसके बाद दिन ढल जाता है, प्यार का बुखार नहीं होता ।
हर समय दिन ही हो यार ये बात तो जचती नहीं ।
सोच पर तो हर किसी का एतबार भी नही होता ।

तुम मिले आज मुझे , अच्छे भी लगे, हो सकता है ।
तुमको भी मैं पसंद आऊँ हा हा हा ऐसा खुशनुमा रविवार नहीं होता ।

साथ दूंगा जन्म भर तुम्हारा सब कहते हैं, और चाहते भी ।
साथ रहना सदा किसी के लेकिन सोचिए ये हाँथ में कहां होता ।

मैंने जब हाँथ पकड़ा था उसका , तो वो शरमा गई थी ।छुई मुई के पौधे सी, अब तो वो अभ्यस्त हो गई है,
कोई प्रतिक्रिया नहीं देती है और रहती निशब्द सी है
दिन बीतने के साथ आकर्षण हम दोनों के बीच बुझे चूल्हे जैसा ठंडा ।

आओं बैठो करें बात जब सोचते हैं तो पता ही नहीं चलता।
सामने बिखरा पड़ा होता है अनगिनत कामों का पुलंदा ।

तुम मिले आज मुझे , अच्छे भी लगे, हो सकता है ।
तुमको भी मैं पसंद आऊँ हा हा हा ऐसा खुशनुमा रविवार नहीं होता ।

साथ दूंगा जन्म भर तुम्हारा सब कहते हैं, और चाहते भी ।
साथ रहना सदा किसी के लेकिन सोचिए ये हाँथ में कहां होता ।

खुदा ही सुन्दर हैं वो ही सत्य, सनातन दिव्य निरंतर और अनन्त।
इन्सानों की दुनिया में खलबली शोर शराबा फ़ैला रहता
दो पल का बसंत।

मैं और तुम मिले आज कल को बिछुड़ जाना होगा विधि सम्मत तो यही लगता है।
तू मेरी जिन्दगी मैं तेरा दिलबर फिर तो ये राग सखी एकदम बचकाना होगा ।

हर कोई खुशनसीब हर बार नहीं होता ।
हर किसी की किस्मत में यार नहीं होता ।
नसीब होता है सभी का , लेकिन दिल गीत गाने लगे ।
ऐसा तो मेरे यार हर किसी का नसीब नहीं होता ।

Language: Hindi
112 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from DR ARUN KUMAR SHASTRI
View all
You may also like:
3566.💐 *पूर्णिका* 💐
3566.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
पाखंड
पाखंड
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
😊😊😊
😊😊😊
*प्रणय*
आए थे बनाने मनुष्य योनि में पूर्वजन्म की बिगड़ी।
आए थे बनाने मनुष्य योनि में पूर्वजन्म की बिगड़ी।
Rj Anand Prajapati
बंधन
बंधन
krishna waghmare , कवि,लेखक,पेंटर
बेबसी!
बेबसी!
कविता झा ‘गीत’
मौहब्बत में किसी के गुलाब का इंतजार मत करना।
मौहब्बत में किसी के गुलाब का इंतजार मत करना।
Phool gufran
पाने की आशा करना यह एक बात है
पाने की आशा करना यह एक बात है
Ragini Kumari
10) “वसीयत”
10) “वसीयत”
Sapna Arora
*
*"कार्तिक मास"*
Shashi kala vyas
"सूर्य -- जो अस्त ही नहीं होता उसका उदय कैसे संभव है" ! .
Atul "Krishn"
" बंध खोले जाए मौसम "
भगवती प्रसाद व्यास " नीरद "
रमेशराज के दो लोकगीत –
रमेशराज के दो लोकगीत –
कवि रमेशराज
अंजान बनते हैं वो यूँ जानबूझकर
अंजान बनते हैं वो यूँ जानबूझकर
VINOD CHAUHAN
सत्ता परिवर्तन
सत्ता परिवर्तन
Shekhar Chandra Mitra
बहर-ए-ज़मज़मा मुतदारिक मुसद्दस मुज़ाफ़
बहर-ए-ज़मज़मा मुतदारिक मुसद्दस मुज़ाफ़
sushil yadav
अब तो रिहा कर दो अपने ख्यालों
अब तो रिहा कर दो अपने ख्यालों
शेखर सिंह
स्वयं को सुरक्षित रखने के लिए
स्वयं को सुरक्षित रखने के लिए
Sonam Puneet Dubey
❤️❤️ भोजपुरी ग़ज़ल ❤️❤️
❤️❤️ भोजपुरी ग़ज़ल ❤️❤️
Vijay kumar Pandey
अमृत वचन
अमृत वचन
Dp Gangwar
उठो द्रोपदी....!!!
उठो द्रोपदी....!!!
Neelam Sharma
मेहनती को, नाराज नही होने दूंगा।
मेहनती को, नाराज नही होने दूंगा।
पंकज कुमार कर्ण
अंकों की भाषा
अंकों की भाषा
Dr. Kishan tandon kranti
*कागज़ कश्ती और बारिश का पानी*
*कागज़ कश्ती और बारिश का पानी*
sudhir kumar
रुत चुनाव की आई 🙏
रुत चुनाव की आई 🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
ढ़लती हुई
ढ़लती हुई
हिमांशु Kulshrestha
समझो साँसो में तेरी सिर्फ मैं हूँ बसाँ..!!
समझो साँसो में तेरी सिर्फ मैं हूँ बसाँ..!!
Ravi Betulwala
राजीव प्रखर (कुंडलिया)
राजीव प्रखर (कुंडलिया)
Ravi Prakash
शिव आराधना
शिव आराधना
Kumud Srivastava
Dr arun kumar shastri
Dr arun kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
Loading...