दिनांक:- 26/7/2023
दिनांक:- 26/7/2023
#शीर्षक:- जड़ खोद डालेंगे ।
अब तेरे खत का जवाब नहीं दे पाऊँगा माँ,
जा रहा अब शायद लौट पाऊँगा माँ,
नहीं होता हर किसी के भाग्य में,
देश की आन-बान -शान को बचाना,
मैं माँ भारती को बचाऊँगा माँ |१|
युध्द शुरू हो चुका है,
चलो साथियों ,
दुश्मन को धूल चटाते हैं,
लहरों सी हुंकार भर लो,
इस अंधड में साहस तोलो,
कभी-कभी मिलता,
जीवन में कुर्बानी का गौरव,
दिखा दो शत्रुओं को ,
हैं हम हिन्दुस्तान के गौरव |२|
तूफानों को ही मिलता है,
तूफानी प्यार,
तूफ़ानों की ओर घुमा दो नाविक,
निज पतवार,
पौरुष की धार से,
आज जड़ ही खोद डालेंगे ,
ना छोड़ेंगे मझधार |३|
रचना मौलिक, अप्रकाशित, स्वरचित और सर्वाधिक सुरक्षित है|
“प्रतिभा पाण्डेय”
चेन्नई