Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
27 Apr 2020 · 1 min read

दारू कच्ची पक्की

**दारू कच्ची पक्की**
*******************

दारू पक्की चाहे कच्ची
नहियों सेहत लई अच्छी
शरीर खुरदा ही जावे
बर्फ खुरदी जिवें कच्ची

दारु हो जावे जदो भारु
बंदा हो जांदा उतारू
दिल ओदा भापां मारे
जिवें अग जावे है मच्ची

कोई गल समझ न आवे
पीता बंदा अपनी चलावे
दिन रात पौंदा है खोरू
मत मारी जांदी सच्ची

तीवी कर्मां दी बड़ी मारी
रौंदी रैंहदीं ओह बेचारी
कोई पेश वी ना चलावे
जिन्दगी दुखां विच रची

सुखविंद्र समझावे बतेरा
दारु छड वसा घर डेरा
मिल जू सूरगा दा झूटा
जावीं विच हंसी टप्पी
******************

सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)

Language: Hindi
1 Like · 509 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
क़िताबों से मुहब्बत कर तुझे ज़न्नत दिखा देंगी
क़िताबों से मुहब्बत कर तुझे ज़न्नत दिखा देंगी
आर.एस. 'प्रीतम'
वतन-ए-इश्क़
वतन-ए-इश्क़
Neelam Sharma
नफ़रत कि आग में यहां, सब लोग जल रहे,
नफ़रत कि आग में यहां, सब लोग जल रहे,
कुंवर तुफान सिंह निकुम्भ
मुझको अपनी शरण में ले लो हे मनमोहन हे गिरधारी
मुझको अपनी शरण में ले लो हे मनमोहन हे गिरधारी
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
सच कहना जूठ कहने से थोड़ा मुश्किल होता है, क्योंकि इसे कहने म
सच कहना जूठ कहने से थोड़ा मुश्किल होता है, क्योंकि इसे कहने म
ruby kumari
धानी चूनर में लिपटी है धरती जुलाई में
धानी चूनर में लिपटी है धरती जुलाई में
Anil Mishra Prahari
जिंदगी एक किराये का घर है।
जिंदगी एक किराये का घर है।
ज्ञानीचोर ज्ञानीचोर
देशभक्ति का राग सुनो
देशभक्ति का राग सुनो
Sandeep Pande
"तुम ही"
Dr. Kishan tandon kranti
केही कथा/इतिहास 'Pen' ले र केही 'Pain' ले लेखिएको पाइन्छ।'Pe
केही कथा/इतिहास 'Pen' ले र केही 'Pain' ले लेखिएको पाइन्छ।'Pe
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
*** मेरे सायकल की सवार....! ***
*** मेरे सायकल की सवार....! ***
VEDANTA PATEL
शेखर सिंह
शेखर सिंह
शेखर सिंह
मेरे दिल मे रहा जुबान पर आया नहीं....!
मेरे दिल मे रहा जुबान पर आया नहीं....!
Deepak Baweja
*गीता सुनाई कृष्ण ने, मधु बॉंसुरी गाते रहे(मुक्तक)*
*गीता सुनाई कृष्ण ने, मधु बॉंसुरी गाते रहे(मुक्तक)*
Ravi Prakash
आडम्बर के दौर में,
आडम्बर के दौर में,
sushil sarna
पिता
पिता
Dr Parveen Thakur
ना हो अपनी धरती बेवा।
ना हो अपनी धरती बेवा।
Ashok Sharma
चाय कलियुग का वह अमृत है जिसके साथ बड़ी बड़ी चर्चाएं होकर बड
चाय कलियुग का वह अमृत है जिसके साथ बड़ी बड़ी चर्चाएं होकर बड
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
किसी भी सफल और असफल व्यक्ति में मुख्य अन्तर ज्ञान और ताकत का
किसी भी सफल और असफल व्यक्ति में मुख्य अन्तर ज्ञान और ताकत का
Paras Nath Jha
दो पल देख लूं जी भर
दो पल देख लूं जी भर
आर एस आघात
और ज़रा-सा ज़ोर लगा
और ज़रा-सा ज़ोर लगा
Shekhar Chandra Mitra
जो बीत गया उसके बारे में सोचा नहीं करते।
जो बीत गया उसके बारे में सोचा नहीं करते।
Slok maurya "umang"
Feeling of a Female
Feeling of a Female
Rachana
एक व्यथा
एक व्यथा
Shweta Soni
रूकतापुर...
रूकतापुर...
Shashi Dhar Kumar
23/105.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/105.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
जहाँ जिंदगी को सुकून मिले
जहाँ जिंदगी को सुकून मिले
Ranjeet kumar patre
खुशामद किसी की अब होती नहीं हमसे
खुशामद किसी की अब होती नहीं हमसे
gurudeenverma198
■दोहा■
■दोहा■
*प्रणय प्रभात*
🚩मिलन-सुख की गजल-जैसा तुम्हें फैसन ने ढाला है
🚩मिलन-सुख की गजल-जैसा तुम्हें फैसन ने ढाला है
Pt. Brajesh Kumar Nayak
Loading...