Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
28 Apr 2024 · 1 min read

खुशामद किसी की अब होती नहीं हमसे

खुशामद किसी की अब होती नहीं हमसे।
जरूरत हो जिसको वह, आ जाये हम तक।।
चाहते नहीं हैं अब हम, करना गुलामी।
मोहब्बत हो जिसको वह, आ जाये हम तक।।
खुशामद किसी की अब———————–।।

जताते थे हमको अपनी मजबूरियाँ।
मजबूर थे जब उनकी मदद को।।
मंजूर नहीं हमको अब सिर झुकाना।
मिलना हो जिसको वह, आ जाये हम तक।।
खुशामद किसी की अब——————।।

रहम हमपे क्यों उनको आया नहीं।
सितम जब हमपे किसी ने किये थे।।
नहीं अब पसंद उनसे हाथ मिलाना।
कहना हो जिसको कुछ, आ जाये हम तक।।
खुशामद किसी की अब——————-।।

दिखावे के रिश्तें हम नहीं मानते।
बताते नहीं हमको मतलब धर्म का।।
यहाँ मतलबी बताओ कौन नहीं है।
देखना हो जिसको सच, आ जाये हम तक।।
खुशामद किसी की अब——————-।।

शिक्षक एवं साहित्यकार
गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)

31 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
एक हसीं ख्वाब
एक हसीं ख्वाब
Mamta Rani
हिस्से की धूप
हिस्से की धूप
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
बेचारा जमीर ( रूह की मौत )
बेचारा जमीर ( रूह की मौत )
ओनिका सेतिया 'अनु '
पिछले पन्ने भाग 2
पिछले पन्ने भाग 2
Paras Nath Jha
बाजार आओ तो याद रखो खरीदना क्या है।
बाजार आओ तो याद रखो खरीदना क्या है।
Rajendra Kushwaha
*आदत*
*आदत*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
तुम अभी आना नहीं।
तुम अभी आना नहीं।
Taj Mohammad
*हो न लोकतंत्र की हार*
*हो न लोकतंत्र की हार*
Poonam Matia
राम नाम की धूम
राम नाम की धूम
surenderpal vaidya
कुत्तज़िन्दगी / Musafir baithA
कुत्तज़िन्दगी / Musafir baithA
Dr MusafiR BaithA
एक मुक्तक
एक मुक्तक
सतीश तिवारी 'सरस'
मातृ दिवस
मातृ दिवस
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
लाल उठो!!
लाल उठो!!
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
मिलन की वेला
मिलन की वेला
Dr.Pratibha Prakash
ना मंजिल की कमी होती है और ना जिन्दगी छोटी होती है
ना मंजिल की कमी होती है और ना जिन्दगी छोटी होती है
शेखर सिंह
#बाक़ी_सब_बेकार 😊😊
#बाक़ी_सब_बेकार 😊😊
*Author प्रणय प्रभात*
संवेदना
संवेदना
नेताम आर सी
सारी व्यंजन-पिटारी धरी रह गई (हिंदी गजल/गीतिका)
सारी व्यंजन-पिटारी धरी रह गई (हिंदी गजल/गीतिका)
Ravi Prakash
सुन लो बच्चों
सुन लो बच्चों
लक्ष्मी सिंह
दिल को एक बहाना होगा - Desert Fellow Rakesh Yadav
दिल को एक बहाना होगा - Desert Fellow Rakesh Yadav
Desert fellow Rakesh
धिक्कार
धिक्कार
Dr. Mulla Adam Ali
ॐ
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
All your thoughts and
All your thoughts and
Dhriti Mishra
रात अज़ब जो स्वप्न था देखा।।
रात अज़ब जो स्वप्न था देखा।।
पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप"
=====
=====
AJAY AMITABH SUMAN
झील किनारे
झील किनारे
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
अदाकारियां
अदाकारियां
Surinder blackpen
क्राई फॉर लव
क्राई फॉर लव
Shekhar Chandra Mitra
रदुतिया
रदुतिया
Nanki Patre
2660.*पूर्णिका*
2660.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
Loading...