दाना बना…#सजा…
थी इक चंचल पवित्र हृदय-सी सुंदर चिड़िया…
उड़ रही थी नभ मंडल में बहुत ही बढ़िया…
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इक दफ़ा नजर को भा गयी थी सुंदर चिड़िया…
जाल फैलाया शिकारी ने थल मंडल में बहुत ही बढ़िया…
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सुनहरे चमकते दाने चुगती थी सुंदर चिड़िया…
इक वृक्ष की छाँव में पड़े थे दाने बहुत ही बढ़िया…
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नन्हें चूँजों का सवाल था, क्या करती सुंदर चिड़िया…
दाने चुगते ही अचानक फँस गई पिंजरे में बेचारी चिड़िया…
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अनाज दाना बना सजा, कैद हो गई थी सुंदर चिड़िया…
छल करके खूब करे मजा,अश्क बहाती बेचारी चिड़िया…
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खुले गगन में उड़ाने को आतुर थी सुंदर चिड़िया…
वाट निकाल रहे थे नन्हें चूँजे,टूट चुकी थी चंचल चिड़िया…
(स्वरचित)
#rahul_rhs