दाता
मां ने तुमको है जन्म दिया, बाप अनेकों सीख दिया।
देना यदि तुम सीख गए, तो जीना यारों सीख लिया।।
पौधों ने तुमको स्वास दिए, नदियों ने तुमको नीर दिया।
पृथ्वी भोजन संसाधन दी, अग्नि ने ऊर्जावान किया।।
आसमान ने छत दे दी, और गुरुसमाज ने ज्ञान दिया।
सबने कुछ कुछ दे देकर ही, तेरा जीवन निर्माण किया।।
यदि यह सब कुछ भूल गए, तो जीने का क्या अर्थ हुआ।
इनको कुछ लौटा न सके, तो समझो जीवन व्यर्थ हुआ।।
दाता होना है बड़ी बात, यदि तुमने इनसे सीख लिया।
तो सच मानो मेरे प्यारों, तुम मानव बनना सीख लिया।।
जय हिंद