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12 Oct 2024 · 1 min read

” दस्तूर “

” दस्तूर ”
ये कैसा दस्तूर है
तुम्हें समन्दर सा पाकर,
तैयार नहीं ये दिल
बूंद भर भी खोने के लिए।

2 Likes · 2 Comments · 17 Views
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