*दल के भीतर दलबदलू-मोर्चा (हास्य व्यंग्य)*
दल के भीतर दलबदलू-मोर्चा (हास्य व्यंग्य)
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अब समय आ गया है कि सभी दलों को अपने-अपने दलों के भीतर एक दलबदलू मोर्चा अथवा दलबदलू प्रकोष्ठ स्थापित करने पर विचार करना चाहिए । धीरे-धीरे सभी दलों में दलबदलुओं की अच्छी-खासी संख्या हो चुकी है । दलबदलू-बंधुओं की आवाज को पार्टी के भीतर आप कब तक दबा कर रख सकते हैं ? उनके भी सीने में दिल है, उनकी भी भावनाएं हैं ,इच्छाएं हैं । वह जो चाहते हैं और जिस प्रकार से चाहते हैं ,वह भावना खुलकर सामने आनी चाहिए ।
अगर दलबदलुओं को हमने हाशिए पर रखा अथवा उनको अपनी बात कहने का अवसर प्रदान नहीं किया तब भारतीय लोकतंत्र का एक बहुत बड़ा भाग अभिव्यक्ति की आजादी से वंचित हो जाएगा। मैं इसके खिलाफ हूं । पार्टियों में दलबदलू लोगों को यद्यपि बहुत सम्मान मिलता रहा है । वह एक घंटे के अंदर पार्टी में शामिल होते हैं और दूसरे घंटे में कैबिनेट मंत्री बना दिए जाते हैं । कई लोग तो सीधे-सीधे मुख्यमंत्री तक बन जाते हैं । सांसद और विधायकी के टिकट दलबदलुओं को अंदरखाने में बातचीत तय करके दिए जाते रहे हैं । सभी दलों में यह एक सामान्य सी बात है कि जब विधायकों की संख्या कम पड़ती है तब विधायकों का सरकार बनाने के लिए समर्थन लेने हेतु उनका दलबदल कराया जाना सबको पता है ।
अब दलबदल कोई इतनी बुरी चीज नहीं रह गई कि हम उसका नाम सुनते ही नाक-भौं सिकोड़ने लगें अथवा अपनी नाक पर रूमाल रख लें। आज अगर कोई कहे कि आप के बगल में खड़ा हुआ यह व्यक्ति एक अच्छा दलबदलू है ,तब कोई अप्रिय भाव कृपया मन में मत लाइए । बल्कि हो सके तो प्रसन्नता से पूछिए कि इस व्यक्ति को आपने अच्छा दलबदलू क्यों कहा ? इस प्रश्न का उत्तर इस प्रकार से मिल सकता है कि अमुक सज्जन बहुत ऊंचे दर्जे के दल बदलू हैं।आपने अनेक बार सफलतापूर्वक दलबदल किया है अर्थात आप जिस दल में दलबदल कर के गए हैं वहां पहुंचते के साथ ही आपको सरकार में पद मिला है तथा वह पार्टी चुनाव में विजयी हुई है ।
देखा जाए तो दलबदलूगण राजनीतिक मौसम की भविष्यवाणी करने में सबसे ज्यादा माहिर होते हैं । आम जनता भले ही हवा का रुख न समझे लेकिन दलबदलू राजनीतिक माहौल पर पैनी नजर रखते हैं । उनका अच्छा अंदाजा रहता है कि अब भविष्य में किसकी सरकार बनेगी। बस मौका देखते ही किसी दल में घुस जाते हैं।
यह लोग बात करने में इतने चिकने-चुपड़े और सौदेबाजी में इतने माहिर होते हैं कि दस-पाँच दिन में उस दल में अपनी गहरी पैठ बना लेते हैं । देखते ही देखते शीर्ष पर पहुंच जाते हैं । पार्टी के आदर्श महापुरुषों का जिंदाबाद का नारा यह दलबदलू जिस आत्मीयता के साथ लगाते हैं ,उसे देख कर पार्टी का बीस साल पुराना कार्यकर्ता भी शर्मिंदा हो जाए और सोचने लगे कि हाय ! हमने अभी तक अपने आदर्श महापुरुषों को ढंग से याद करना क्यों नहीं सीखा ?
दलबदलू मंच पर बैठता है और पार्टी को उसके आदर्शों तथा आदर्श-महापुरुषों के बारे में बताता है । वह सबको याद दिलाता है कि पार्टी के प्रति निष्ठा और वफादारी ही एक नेता का सबसे बड़ा धर्म है । सब लोग दलबदलू के मुखारविंद से निकलने वाले उपदेशों को शांतिपूर्वक सुनने के लिए विवश होते हैं ।
दलबदलू प्रकोष्ठ के बारे में मेरा मौलिक-विचार इसलिए है कि जैसे ही कोई दलबदलू पार्टी में आता है तब उस को सम्मानित करने के लिए तथा आत्मीयता का भाव उसमें जगाने के लिए उसे तुरंत दलबदलू-प्रकोष्ठ का नेता बनाया जा सकता है । दलबदलू प्रकोष्ठ का अध्यक्ष-उपाध्यक्ष आदि एक वर्ष के लिए बनाया जा सकता है। नया दलबदलू जब आएगा तो पुराने दलबदलू उससे गले मिलेंगे ,फूलमाला पहनाएंगे और कहेंगे कि अहा ! कितना स्वर्णिम अवसर आया है ! एक दलबदलू और पधारा ! दलबदलू-प्रकोष्ठ के अभाव में अनेक बार दलबदलुओं को अपेक्षित आत्मीय वातावरण पार्टी के भीतर नहीं मिल पाता। यह भारतीय राजनीति की एक बड़ी कमी है ,जिसकी तरफ मेरा ध्यान गया है और मैं उसे दूर करना चाहता हूं।
आप देखिए ! बहुत सी जगहों पर तो पार्टियां दलबदलुओं के आधार पर ही चल रही हैं। अगर दलबदलुओं को उनमें से हटा दिया जाए तो फिर पार्टी के नाम पर कुछ बचेगा ही नहीं । कुछ दल ऐसे भी होते हैं जिन्हें दलबदलुओं द्वारा ही खड़ा किया जाता है, दलबदलुओं द्वारा समृद्ध किया जाता है तथा दलबदलुओं के द्वारा ही पालित-पोषित किया जाता है ।
दलबदल करना नेताओं का एक विशेष गुण है । यह कुछ नेताओं में विशेष रुप से सक्रिय पाया जाता है । जो लोग इस गुण से वंचित होते हैं, वह जीवन में प्रगति नहीं कर पाते। ऐसी भी क्या नेतागिरी कि एक दल में पड़े-पड़े सारी जिंदगी गुजार दी ! अरे भाई ! पार्टियाँ की सैर करो, इधर-उधर घूमो, चार दलों का आनंद लो ,जिंदगी में आगे बढ़ो अर्थात दल बदलू बनो। पार्टी का दलबदलू प्रकोष्ठ तथा दलबदलू-प्रकोष्ठ का अध्यक्ष पद तुम्हारा इंतजार कर रहा है ।
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लेखक : रवि प्रकाश, बाजार सर्राफा
रामपुर( उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451