*दर्पण में छवि देखकर, राधा जी हैरान (कुंडलिया)*
दर्पण में छवि देखकर, राधा जी हैरान (कुंडलिया)
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दर्पण में छवि देखकर, राधा जी हैरान
मुख अपना देखा मगर, दिखते हैं भगवान
दिखते हैं भगवान, प्रेम में गहरी खोई
रहे सिर्फ श्री श्याम, नहीं अब दूजा कोई
कहते रवि कविराय, ईश दिखता कण-कण में
अपना कब अब रूप, दिखा प्रभु ही दर्पण में
रचयिता: रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 9997615451