दर्द के बाजार
दर्द के बाजार मे निकला था मै भी
पहली ही दूकान पर
मुझसे ज्यादा दर्द देख रहा हूँ।
बस देखा न गया मुझसे दर्द उनका
उनको देकर अपने दर्द की दवा भी
अब असर करने लगी
अब जब भी कोई दर्द सताता है मुझे
दूसरो के दर्द को याद कर लेता हूॅ ।
हौसला बढ जाता है मेरा
ये सोच
मै कहां ज्यादा तड़पता हूँ ।
हां दर्द है मुझे
पर मै अब सहन तो कर रहा हूँ ।
वो जो ना जी रहे ना मर रहे है ।
उनसे तो अच्छा हूँ ।
मै जीवन मे आगे बढ रहा हूॅ ।
दर्द के बाजार मे निकला था मै भी
पहली ही दूकान पर
दर्द ज्यादा देख रहा हूँ ।
मै जीवन मे अब आगे बढ रहा हूँ।