Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
9 Nov 2024 · 1 min read

“दर्द के तोहफे”

“दर्द के तोहफे”

ऐ रात ना छीन मुझसे
उनके दर्द के तोहफे।

2 Likes · 2 Comments · 47 Views
Books from Dr. Kishan tandon kranti
View all

You may also like these posts

यूं सजदे में सर झुका गई तमन्नाएं उसकी,
यूं सजदे में सर झुका गई तमन्नाएं उसकी,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
बरसात
बरसात
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
* सुन्दर फूल *
* सुन्दर फूल *
surenderpal vaidya
*सबसे सुंदर जग में अपना, तीर्थ अयोध्या धाम है (गीत)*
*सबसे सुंदर जग में अपना, तीर्थ अयोध्या धाम है (गीत)*
Ravi Prakash
मत कर गीरबो
मत कर गीरबो
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
बारिश की बूँदें
बारिश की बूँदें
Smita Kumari
पर को दुख दे सुख जिन्हें, सुखी रहें वे लोग।
पर को दुख दे सुख जिन्हें, सुखी रहें वे लोग।
डॉ.सीमा अग्रवाल
एक शख्स  एक दुनिया हो सकता है
एक शख्स एक दुनिया हो सकता है
पूर्वार्थ
जवाला
जवाला
भरत कुमार सोलंकी
ग़ज़ल _ सब्र अपने पास रखना चाहिए ।
ग़ज़ल _ सब्र अपने पास रखना चाहिए ।
Neelofar Khan
यह तो सब नसीब की बात है ..
यह तो सब नसीब की बात है ..
ओनिका सेतिया 'अनु '
हम गुलामी मेरे रसूल की उम्र भर करेंगे।
हम गुलामी मेरे रसूल की उम्र भर करेंगे।
Phool gufran
बिटिया !
बिटिया !
Sangeeta Beniwal
दर्द का एहसास
दर्द का एहसास
नेहा आज़ाद
जिंदगी मुस्कुराती थी कभी, दरख़्तों की निगेहबानी में, और थाम लेता था वो हाथ मेरा, हर एक परेशानी में।
जिंदगी मुस्कुराती थी कभी, दरख़्तों की निगेहबानी में, और थाम लेता था वो हाथ मेरा, हर एक परेशानी में।
Manisha Manjari
जुदाई की शाम
जुदाई की शाम
Shekhar Chandra Mitra
तन के लोभी सब यहाँ, मन का मिला न मीत ।
तन के लोभी सब यहाँ, मन का मिला न मीत ।
sushil sarna
बस बाकी रहगे यादयाँ में
बस बाकी रहगे यादयाँ में
Khajan Singh Nain
🐍भुजंगी छंद🐍 विधान~ [यगण यगण यगण+लघु गुरु] ( 122 122 122 12 11वर्ण,,4 चरण दो-दो चरण समतुकांत]
🐍भुजंगी छंद🐍 विधान~ [यगण यगण यगण+लघु गुरु] ( 122 122 122 12 11वर्ण,,4 चरण दो-दो चरण समतुकांत]
Neelam Sharma
आज़ादी की शर्त
आज़ादी की शर्त
Dr. Rajeev Jain
चलने का नाम ज़िंदगी है
चलने का नाम ज़िंदगी है
Sonam Puneet Dubey
🙅चुनावी चौपाल🙅
🙅चुनावी चौपाल🙅
*प्रणय*
मैं उसे अनायास याद आ जाऊंगा
मैं उसे अनायास याद आ जाऊंगा
सिद्धार्थ गोरखपुरी
नहीं सीखा
नहीं सीखा
हरवंश हृदय
न जाने क्यों ... ... ???
न जाने क्यों ... ... ???
Kanchan Khanna
"पारदर्शिता की अवहेलना"
DrLakshman Jha Parimal
"अहा जिन्दगी"
Dr. Kishan tandon kranti
*
*"अवध में राम आये हैं"*
Shashi kala vyas
राजनीति
राजनीति
Awadhesh Kumar Singh
3047.*पूर्णिका*
3047.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
Loading...