दरिंदगी से तो भ्रूण हत्या ही अच्छी
भ्रूण हत्या से कलयुग में बचाया मुझे
नई जिंदगी की राह खुली थी
आंखों में कामयाबी के सपने लिए
शहर की सड़क पर निकली थी
अभी तो शरीर की शुरुआत भी नहीं हुई
राजनेता की दरिंदगी ने जकड़ी थी
ए बचाने वाले क्यों दी मुझे नहीं जिंदगी
दरिंदगी से तो भ्रूण हत्या ही अच्छी थी